26 जनवरी क्यों मनाया जाता है? क्या आपके मन में भी ये सवाल है तो आज आपको इस सवाल का जवाब आसान अंदाज़ में मिलने वाला है. जैसा की दोस्तों आप जानते हैं की हम एक भारतीय हैं और हमे अपने भारतीय होने पर नाज़ होना चाहिए जो की हर एक हिन्दुस्तानी के दिल में होता है. आपको जानकारी के बतादूँ की वतमान में हमारे देश की कुल आबादी 137 करोड़ से भी ऊपर है. लेकिन आज हमारे बहोत से हिन्दुस्तानी भाई ये नहीं जानते की 26 जनवरी क्यों मनाया जाता है. जो की हर एक हिन्दुस्तानी को पता होना चाहिए. मुझे इस बात की ख़ुशी है की में ये article लिख रहा हूँ. जो की मेरे लिए बहोत ही ख़ुशी की बात है.
हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे इस ब्लॉग anassiddiki.com में. आज के इस article में आपको गणतन्त्र दिवस (गणतंत्र दिवस) की पूरी जानकारी देने वाला हूँ. इसीलिए इस article को हो सके तो पूरा पढ़ें और सभी भारतीय व्यक्ति को जरूर share करें. तो चलिए दोस्तों 26 जनवरी के बारे में जान लेते हैं.
26 जनवरी क्यों मनाया जाता है?
26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान पारित हुआ था उसी दिन भारत को एक गणतंत्र दिवस के रूप में माना गया गणतंत्र का अर्थ होता है लोगों द्वारा चलाए जाने वाला देश यानी कि एक ऐसा देश जहां पर लोगों का निर्णय ही सर्वोपरि होता है. 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान पारित हुआ था उसी दिन भारत को एक गणतंत्र दिवस के रूप में माना गया गणतंत्र का अर्थ होता है लोगों द्वारा चलाए जाने वाला देश यानी कि एक ऐसा देश जहां पर लोगों का निर्णय ही सर्वोपरि होता है.
आज भारत में हर कोई नेता लोगों द्वारा ही चुनाव के माध्यम से बनाए जाते हैं यानी की एक ऐसा देश है जो तानाशाह से मुक्त है तो हम क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस. जैसे की हम तो जानते हैं 15 अगस्त 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ था और इसके बाद 26 जनवरी 1950 को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मदद से भारत को मजबूत संविधान प्राप्त हुआ उसी दिन के बाद से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में उत्साह के साथ मनाया जाता रहा है.
भारत देश के कुछ महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी नेताओं में इन महान नेताओं का नाम आता है जैसे महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, लाला लाजपतराय, सरदार वल्लभभाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री इन स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारे देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान भी निछावर कर दी है और उनके महान कामों के लिए आज भी उनका नाम भारत देश के इतिहास में लिखा है लिखा ही नहीं है बल्कि आज भी देश का बच्चा बच्चा भी उनको याद करता है. और उनकी तरह बनना चाहता है.
लगातार कई वर्षों तक इन महान लोगों ने ब्रिटिश सरकार का सामना किया और हमारे वतन को उनकी गुलामी से आजाद कराया. भारतवासी उनके बलिदान को कभी भी भुला नहीं सकते. उन्हीं के कारण आज हम अपने देश में आजादी से सांस ले रहे हैं. 26 जनवरी के दिन हमारे देश में गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जाता है आखिर ऐसा क्या हुआ था इस दिन को जिस दिन भारत की आजादी के लिए नामांकन किया यह दिन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन बन गया और क्यों मनाया जाता है इस दिन गणतंत्र दिवस. यह सारी चीजें मैं आपको बताने जा रहा हूं
क्यों 26 जनवरी को ही मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?
जैसे कि आज पूरा देश 72 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है आज ही के दिन साल 1950 में भारत सरकार अधिनियम एक्ट 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. वहीँ 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की ओर से संविधान अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू कर दिया गया.तो 26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ था संविधान 26 जनवरी को इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था. तो क्या है इतिहास गणतंत्र दिवस का.
1929 में लाहौर में पंडित जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ. जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि अगर अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन का पद नहीं प्रदान करेगी जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में स्वशासन इकाई बन जाता.भारत अपने को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर देगा.
विकीपीडिया के अनुसार 26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया. तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता की निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया भारत के आजाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसमें अपना कार्य 9 दिसंबर 1947 से आरंभ कर दिया संविधान सभा ने 2 साल 11 महीने 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सुपुर्द किया. इसलिए 26 नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है.
काफी सुधार और बदलाव के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्त लिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए इसके 2 दिन बाद संविधान 26 जनवरी को पूरे देश में लागू हो गया. 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा जिसको हम कॉन्स्टिट्यूशन असेंबली बोलते हैं द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप मान्यता प्रदान की गई.
गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- गणतंत्र दिवस परेड के दौरान एक क्रिश्चियन ध्वनि बजायी जाती है जिसका नाम ‘Abide With Me‘ है क्योंकि यह महात्मा गांधी के प्रिय ध्वनियों में से एक है.
- भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ‘Sukarno‘ थे.
- गणतंत्र समारोह का राजपथ में पहली बार आयोजन वर्ष 1955 में किया गया था.
- भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति को इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है.
- 1950 से 1954 के दौरान गणतंत्र दिवस समारोह दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाता था राजपथ पर इस दिन का आयोजन साल 1955 से शुरू किया गया था.
- 11 जनवरी 1966 को देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के निधन के कारण इस दिन किसी को भी चीफ गेस्ट के तौर पर निमंत्रित नहीं किया गया था.
- डॉ बाबासाहेब आंबेडकर को भारतीय संविधान का पिता का दर्जा प्राप्त है उनके द्वारा ही हमारे देश के संविधान को तैयार किया गया था.
- भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था जब देश के राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन की तबीयत ठीक ना होने के कारण वह गणतंत्र दिवस सलामी नहीं ले सके.
- इस बार 2021 में कोरोना के महामारी के कारण हो सकता है कि किसी भी चीज गेस्ट को ना बुलाया जाए.
- पीआईबी प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो भारत सरकार के अनुसार देश में 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 पर भारत एक गणतंत्र देश बना.
- ठीक इसके 6 मिनट बाद 10:24 पर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी.
तो दोस्तों उम्मीद है कि आपको हमारा यह आर्टिकल 26 जनवरी क्यों मनाया जाता है के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो गई होगी. अगर आपको आर्टिकल पसंद आया हूं तो अपने फैमिली मेंबर और फ्रेंड्स के साथ जरूर शेयर करें. यदि आपको इस आर्टिकल में कोई कमी या कोई गलती नजर आई हो आपके मन में अभी भी कोई सवाल हो तो आप हमें नीचे बेझिझक कमेंट करके बता सकते हैं.
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