दोस्तों क्या आपको मालोम है की एप्पल के प्रोडक्ट्स इतने मेहेंगे क्यों होते हैं. शायद नहीं मालोम हिगा. लेकिन इस article में आपको पता चल जायेगा. इतना तो हर कोई जानता है की जब बात एप्पल कम्पनी की आती है तो फिर चाहे वो आपले का mobile हो, इपद हो या laptop हो या हाथ में पहेनने वाली smartwatch हो सबकी कीमत किसी भी दुसरे ब्रांड के मुकाबले कई गुना ज्यादा ही होती है. तो आखिर एप्पल क्यों हमसे इतनी भारी कीमत लेता है.
आखिर वो कौन सा जेवरात है जो apple कें प्रोडक्ट में लगा होता है और इंसान को दिखता ही नहीं है क्यों कि apple का मोबाइल फोन लेना अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है लेकिन लोग पैसे खर्च करते हैं और इतने महंगे मोबाइल फोन खरीदते है पर आखिर एप्पल क्यों एवरेज range के प्रोडक्ट मार्केट में नहीं लाया आखिर इन सब चीजों के पीछे की असली वजह क्या है इसके लिए आपको पूरा article पढना होगा जिसके बाद आपको एप्पल का सारा खेल पता चल जाएगा.
एप्पल के प्रोडक्ट्स इतने मेहेंगे क्यों होते हैं?
दोस्तों आज अगर हम कोई भी apple का प्रोडक्ट मार्केट में खरीदने जाए तो उसकी कीमत 50000 से कम नहीं होगी. हाँ, वह बात अलग है कि डिस्काउंट के तौर पर आपको 5 से 10000 कम प्राइस में मिल जाए लेकिन प्रोडक्ट की असली कीमत लाखों में होती है जहाँ मोबाइल फोन तक डेढ़ डेढ़ लाख रुपए के मिलते हैं ऐसे में आपके मन ये सवाल जरूर आता होगा की आखिर एप्पल अपने प्रोडक्ट को इतना महंगा क्यों बेचता है.
दोस्तों सीधे तौर पर हम आपको बताना चाहेंगे की एप्पल का जो कटे सेब का लोगों होता है उसके लिए आप काफी एक्स्ट्रा पैसे देते हैं हालांकि, हम यह बिल्कुल भी नहीं कह रहे हैं कि एप्पल के प्रोडक्ट अच्छे नहीं होते बल्कि मार्केट में मौजूद एप्पल के सभी प्रोडक्ट के मुकाबले एप्पल अपने प्रोडक्ट में क्वालिटी भी रखता है और लोगों को बिल्कुल प्रीमियम क्वालिटी के प्रोडक्ट प्रोवाइड करवाता है लेकिन इन प्रीमियम क्वालिटी के फोन की प्राइस रेंज जो होनी चाहिए उसे एप्पल कई ज्यादा पैसे बढ़ाकर आपसे लेता है और जनता उस पैसे को खुशी-खुशी चुकाने भी लगी है.
जी हां दोस्तों एप्पल लोगों की साइकोलॉजि के साथ खेलता है क्योंकि उनको पता है कि अगर वह मीडियम रेंज के फोन ले आएंगे तो हर एक नॉर्मल इंसान कैसे भी करके उस फोन को खरीद ही लेगा और फिर ज्यादातर लोगों के पास एप्पल फोन मौजूद हो जाएगा जिस की वजह से उसकी ब्रांड वैल्यू धीरे धीरे कम हो जाएगी लेकिन अगर वह हमेशा अपनी प्राइस हाई रखेगा तो जिस किसी के पास भी एप्पल का फोन होगा वह हमेशा अपने साथ ब्रांड लेकर चलेगा इससे देखने वाले को भी लगेगा कि सामने वाले का फोन महंगा ही होगा.
क्योंकि एप्पल के कोई भी फोन सस्ते नहीं मिलते सभी के सभी फोन में मेहेंगें ही मिलते हैं जैसे कि उदाहरण के तौर पर एप्पल और सैमसंग की बात करें तो एप्पल में जो क्वालिटी आपको देखने को मिलेगी सैमसंग में भी आपको देखने को मिल सकती है हां 19-20 का फर्क होगा लेकिन वह बात अलग है. लेकिन एप्पल के फोन में जो फीचर्स आपको देखने को मिलेंगे वही फीचर्स आपको सैमसंग के 70-80000 के फोन में भी देखने को मिल जाएंगे हालांकि हल्का-फुल्का फर्क होगा बिल्कुल ना के बराबर होगा यानी कि आप समझ सकते हैं कि एप्पल अपनी ब्रांड वैल्यू के आधे से ज्यादा पैसे लेता है.
इसमें कोई दो राय नहीं है यानी कि जो भी शख्स एप्पल के प्रोडक्ट खरीदने के लिए पैसे खर्च करता है वह अपना ज्यादातर पैसा उस प्रोडक्ट में कटे हुए सेब के लिए खर्च करता है ताकि बाकी लोग देखें और यह समझे कि इसके पास बहुत अच्छा फोन है.
एप्पल शुरू से ही साइकोलॉजि के साथ अपना काम करता हुआ आ रहा है इस वजह से उसके प्रोडक्ट इतने हिट हो जाते हैं क्योंकि हर पैसे वाला इंसान अपने हाथ में एप्पल के प्रोडक्ट लेकर घूमने की कोशिश करता है क्यों की दुनिया को दिखा सके कि उसके पास बेस्ट से बेस्ट फोन है.
हालांकि, एप्पल के प्रोडक्ट महंगे होने की एक और वजह भी है वह है कि एप्पल डेवलपमेंट और रिसर्च में भी काफी खर्चा करता है जी हां एप्पल के जितने भी प्रोडक्ट आते हैं वो इंसानों की जरूरत के हिसाब से आते हैं कि कौन सा इंसान किस प्राइस रेंज में किस तरह के फीचर्स वाले फोन खरीद सकता है और इंसानों को किस किस तरह के फीचर्स दिए जाएं जिस से वो अधिक पैसे खर्च करने की इच्छा रखें. यही सब बातें एप्पल के प्रोडक्ट्स को इतना महंगा बनाती है.
हालांकि रिसर्च और डेवलपमेंट के साथ-साथ एप्पल प्रीमियम क्वालिटी के सॉफ्टवेयर और प्रोडक्ट बनाने में इस्तिमाल होने वाले टूल्स का भी इस्तेमाल करता है जो की काफी बढ़िया होते हैं और यूजर फ्रेंडली भी होते हैं इसके अलावा यह काफी ज्यादा सिक्योर भी होते हैं जी हां अगर आप बाकी फोन की तुलना में एप्पल कंपनी के फोन या फिर बाकी प्रोडक्ट इस्तेमाल करें सबको एक बेहतरीन सिक्योरिटी महसूस होती है और शायद यही वजह है कि एप्पल प्रोडक्ट इस्तेमाल करने वाला इंसान ज्यादातर दूसरे ब्रांड पर स्विच नहीं करता क्योंकि एप्पल हमेशा अपने आप को अपग्रेड करता रहता है क्योंकि जो लोग अपने पैसे खर्च करके एप्पल के प्रोडक्ट खरीदते हैं वैसे ही कंपनी के प्रोडक्ट खरीदते रहे.
बाकी अगर हम एडवरटाइजमेंट की बात करें तो उसमें भी एप्पल कोई कमी नहीं छोड़ता इसलिए जिन जिन देशों में एप्पल स्टोर हैं एप्पल की फ्री वर्कशॉप से लेकर एप्पल स्टोर की चकाचौंध इंसान को अपनी और आकर्षित करती है बाकी आप टीवी वगैरह में भी एप्पल का प्रमोशन होते हुए देख ही लेते हैं इसके अलावा इतने बड़े बड़े सेलिब्रिटी के द्वारा इस्तिमाल किए जाने पर भी बिना कोई पैसे खर्च किए फ्री में एप्पल अपने ब्रांड का प्रमोशन भी कर देता है.
अगर किसी फिल्म में मोबाइल या लैपटॉप का प्रयोग होता है तो उसके के ब्रांड लोगों को छुपा दिया जाता है लेकिन जब बात एप्पल की आती है तो उसे छुपाया नहीं जाता यानी कि हमारे देश में मौजूद लोग भी फ्री में एप्पल का प्रमोशन करने लगते हैं.ऐसे में आप खुद को ही देख लीजिए अगर आप कल को कोई एप्पल का प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं तो जाहिर सी बात है कि आप किसी ना किसी को बताएंगे की यह तो बहुत बेहतरीन फ़ोन है और इससे दूसरे भी उस फोन को खरीदने के लिए तैयार हो जाएंगे फिर चाहे वह कितना ही महंगा क्यों ना हो और यही सब तरीके एप्पल अपने आपको बढ़िया बनाने में इस्तेमाल कर रहा है लेकिन एप्पल अभी तक मार्केट में कब्जा किए हुए बैठा है.
तो उम्मीद है की आपको पता चल गया होगा एप्पल के प्रोडक्ट्स इतने मेहेंगे क्यों होते हैं. बाकी आप इनके प्रोडक्ट के लिए ज्यादा पैसे तो देते हैं लेकिन आपको प्रीमियम क्वालिटी और सेटिस्फेक्शन तो मिलती ही है क्या आप एप्पल के प्रोडक्ट खरीदने के लिए इतनी भारी कीमत चुकायेंगें या नहीं आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताइए.
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