क्या आपने कभी सुना है की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है? अगर नहीं तो कोई बात नहीं आप बिटकॉइन के बारे में तो पक्का जानते ही होगें और ब्लॉकचेन को समझना आपके लिए आसान होगा. क्योंकि, बिटकॉइन की रिकॉर्ड की रिकॉर्ड कीपिंग टेक्नोलॉजी को ब्लॉकचैन कहते हैं और बिटकॉइन जैसी cryptocurrency के अलावा बैंकिंग और इन्वेस्टिंग की दूसरी फॉर्म से भी रिलेट करती है. इसीलिए बेहतर ये होगा की आप इसके बारे में जान ले और इसके लिए आपको ये पोस्ट पूरी पढनी होगी. तभी आपको ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में पूरी जानकारी समझ में आएगी. तो चलिए शुरू करते हैं और सबसे पहले समझते हैं कि आखिर यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी है क्या?
अनुक्रम
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है? | Blockchain Technology in Hindi (2022)
असल में ब्लॉकचेन एक तरह का डेटाबेस है और ये डेटाबेस क्या होता है? डेटाबेस इंफॉर्मेशन का एक कलेक्शन होता है जो कंप्यूटर सिस्टम पर इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर रहता है और इस डेटाबेस में इंफॉर्मेशन और डाटा एक टेबल फॉर्मेट में सेट होते हैं ताकि किसी स्पेसिफिक इंफॉर्मेशन की सर्चिंग और फिल्टरिंग आसानी से की जा सके.
यूं तो एक स्प्रेडशीट भी टेबल फॉर्म में होती है लेकिन डेटाबेस अलग इसीलिए होता है क्योंकि स्प्रेडशीट केवल एक पर्सन के लिए डिजाइन की जाती है. जबकि, डेटाबेस का यूज़ कितने भी यूज़र एक साथ कर सकते हैं. ब्लॉकचेन का परपस डिजिटल इंफॉर्मेशन को रिकॉर्ड और डिस्ट्रीब्यूट करने की परमिशन देता है लेकिन एडिट करने कि नहीं.
Blockchain Technology की खोज किसने की? (2023)
यह टेक्नोलॉजी सबसे पहले 1991 में stuart haber और W. Scott Stornetta के जरिए सामने आई थी.
ब्लॉकचेन को ब्लॉकचेन क्यों कहा जाता है? (2023)
इसका जवाब यह है कि ब्लॉकचेन इंफॉर्मेशन को ग्रुप में कलेक्ट करता है और इन ग्रुप्स को ब्लॉक भी कहा जाता है. हर एक ब्लॉक में लिमिटेड स्टोरेज कैपेसिटी होती है. इसीलिए जब एक ब्लॉक भर जाता है तो वो पहले भरे हुए ब्लॉक से जाकर जुड़ जाता है ऐसे एक चैन बन जाती है. जो डाटा की चैन कहलाती है और इसी डाटा की चैन को ब्लॉक चैन कहा जाता है.
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है? (2023)
अब जानते हैं कि ब्लॉकचेन के एलिमेंट्स जो मिलकर के ब्लॉकचेन तैयार करते हैं और साथ ही इस चैन के काम करने का तरीका भी जानते हैं. यह ब्लॉक चैन ऐसे ब्लॉक की चैन है जिसमें इंफॉर्मेशन है. हर ब्लॉक के पास पिछले ब्लॉक का एक क्रिप्टोग्राफिक हैश है. यह हैश हर ट्रांजैक्शन पर जनरेट होता है और यह नंबर और लेटर्स की एक स्ट्रिंग है.
हैश ऐसा कनेक्शन है जो लेटर और नंबर्स के इनपुट को एक फिक्स लेंग्थ के एनक्रिप्टेड आउटपुट में कन्वर्ट करता है. यह हैश केवल ट्रांजैक्शन पर डिपेंड नहीं करता है. बल्कि चैन में उससे पहले बने हुए ट्रांजैक्शन पर भी डिपेंड करता है.
अगर ट्रांजैक्शन में छोटा सा भी चेंज किया जाए तो एक नया हैश बन जाता है यानी अगर ब्लॉकचेन के डाटा के साथ कोई भी छेड़छाड़ करने की कोशिश की जाए तो उसकी सारी सेटिंग चेंज हो जाती है और इस तरह से रिकॉर्ड में हुई हेरा फेरी का पता लगाया जा सकता है. इसीलिए यह एक सिक्योर ऑप्शन है.
ये ब्लॉकचेन बहुत से कंप्यूटर्स पर स्प्रेड होती है और हर कंप्यूटर के पास ब्लॉकचेन की कॉपी होती है और इन कंप्यूटर्स को Nodes कहते हैं और यह Nodes हैश को चेक करके पता लगाते हैं की ट्रांजैक्शन में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
अगर ट्रांजेक्शन को ज्यादातर nodes अप्रूव कर देते हैं तो उस ट्रांजैक्शन को ब्लॉक में लिखा जाता है यह nodes ब्लॉकचेन का इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर्म करते हैं. यह ब्लॉकचेन डाटा को स्टोर, स्प्रेड और preserves करते हैं. एक फुल node कंप्यूटर जैसी डिवाइस होती है जिसके पास ब्लॉकचेन की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री की फुल कॉपी होती है. यह ब्लॉकचेन अपने आपको हर 10 मिनट में अपडेट करती है.
ब्लॉकचेन के इंर्पोटेंट एलिमेंट्स क्या है और यह मिलकर के कैसे काम करते हैं यह जानने के बाद अब आपको बताते हैं कि बिटकॉइन के लिए ब्लॉकचेन कैसे यूज़फुल है.
बिटकॉइन के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे यूज़फुल है? (2023)
बिटकॉइन के लिए blockchain एक स्पेसिफिक टाइप का डेटाबेस है जो हर बिटकॉइन ट्रांजैक्शन को स्टोर रखता है. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी में ब्लॉकचेन इन currencies के ऑप्शन को कंप्यूटर्स के नेटवर्क पर स्प्रेड करता है जिससे इन currencies को बिना किसी सेंट्रल अथॉरिटी के ऑपरेट करना पॉसिबल हो पाता है. इसके यूज़ से रिस्क भी रिड्यूस होता है और बहुत से प्रोसेसिंग और ट्रांजैक्शन फीस भी एलिमिनेट हो जाती है.
बिटकॉइन की ब्लॉक चेन में जो ब्लॉक होते हैं वह मॉनिटरी ट्रांजैक्शंस के डाटा को स्टोर करते हैं लेकिन असल में ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शन के दूसरे टाइप का डाटा स्टोर करने के लिए भी रिलाएबल होता है. ऐसी बहुत सी एरियाज है जहां ब्लॉकचेन यूज़फुल साबित हो सकती है और बहुत से इंपॉर्टेंट सेक्टर्स की सर्विसेज को बेहतर बना सकती है.
यूज़ ऑफ़ ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी इन बैंकिंग (2023)
जैसे बैंकिंग और ब्लॉकचेन के बीच डिफरेंस को देखे तो फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस में ज्यादातर 5 डेज ऑफ वीक वर्क होता है. यानि, अगर आप वीक के बाद के 2 दिन अपना चेक डिपाजिट करवाना चाहे तो आपको इंतजार करना होगा और अगर आप वाकिंग डे में भी चेक डिपॉजिट करवाते हैं तो ट्रांजेक्शन में काफी टाइम भी लग सकता है. ऐसे में बैंक्स में इंटीग्रेटिंग ब्लॉकचेन के जरिए ट्रांजैक्शन प्रोसेस 10 मिनट में पूरा हो सकता है.
ब्लॉकचेन के जरिए बैंक्स और इंस्टीट्यूशंस के बीच फंड्स एक्सचेंज भी तेजी से कर सकते हैं.
यूज़ ऑफ़ ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी इन हेल्थकेयर सेक्टर (2023)
हेल्थकेयर सेक्टर की बात करें तो उस पर ब्लॉकचेन का यूज करके पेशेंट के मेडिकल रिकॉर्ड को सिक्योरली स्टोर किया जा सकता है. इसके लिए जब मेडिकल रिकॉर्ड जनरेटर साइन किया जाए तब इसे ब्लॉकचेन पर लिखा जा सकता है. इस से पेशेंट को यह प्रूफ मिलेगा कि उनके रिकॉर्ड को अब चेंज नहीं किया जा सकता. इन रिकार्ड्स को ब्लॉकचेन पर स्टोर करते वक़्त प्राइवेट की का उपयोग भी किया जा सकता हैै जिससे इनकी प्राइवेसी भी बनी रहे.
यूज़ ऑफ़ ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी इन सप्लाई चेन और वोटिंग सिस्टम (2023)
बैंक्स और हेल्थ केयर के अलावा ब्लॉकचेन का यूज सप्लाई चेन और वोटिंग सिस्टम में भी किया जा सकता है.
सप्लाईचेन में सप्लायर्स ब्लॉकचेन में अपने खरीदे हुए मेटीरियल का रिकॉर्ड रख सकते हैं जिससे उन प्रोडक्ट की ऑथेंटिसिटी को वेरीफाई किया जा सकता है.
वही मॉडर्न वोटिंग सिस्टम में भी ब्लॉकचेन का यूज करके इलेक्शन फ्रॉड को रोका जा सकता है और ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल से इस प्रोसेस में ट्रांसपेरेंसी भी बनाई रखी जा सकती है.
इस तरह बहुत से सेक्टर में ब्लॉकचेन का यूज किया जा सकता है और इस से कई फायदे और कई नुक्सान मिलते हैं.
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदे (2023)
- इस ट्रांसपेरेंट टेक्नोलॉजी के जरिए एक्यूरेसी में इंप्रूवमेंट किया जा सकता है.
- थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन हटने से कॉस्ट रिडक्शन हो सकता है.
- ट्रांजैक्शन को सिक्योर और प्राइवेट भी रखा जा सकता है.
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के नुक्सान (2023)
वही इस टेक्नोलॉजी की कमियाँ यह है कि
- यह फ्री नहीं है.
- इसकी स्पीड की वजह से यह हर सेकंड लिमिटेड ट्रांजैक्शन सी कर सकती है.
- इसका यूज इलीगल एक्टिविटीज में होता रहा है.
ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी, एक ब्लॉक चेन, रिकॉर्ड्स की बढ़ती लिस्ट है, जिन्हें ब्लॉक कहा जाता है, जो क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके जुड़े हुए हैं. प्रत्येक ब्लॉक में पिछले ब्लॉक का क्रिप्टोग्राफिक हैश, टाइमस्टैम्प, और लेनदेन डेटा होता है. भारत के पहले ब्लॉकचेन जिले की स्थापना के लिए किस राज्य सरकार ने टेक महिंद्रा के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं? Notes: तेलंगाना सरकार ने हैदराबाद में ब्लॉकचैन जिले की स्थापना के लिए टेक महिंद्रा के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो कि ब्लैकचैन के लिए पहला केंद्र है. पीटर स्मिथ पीटर Blockchain.com के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक हैं। ब्लॉकचैन के प्रत्येक ब्लॉक में क्या होता है?
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पीटर स्मिथ
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अंतिम शब्द ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है
तो दोस्तों यह थी ब्लॉकचेन के बारे में ऐसी खास और इंपॉर्टेंट जानकारी जो आपके पास जरूर होनी चाहिए और उम्मीद करते हैं की आपको ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है? | Blockchain Technology in Hindi समझ में आ गया होगा. इसीलिए इसे बाकी लोगों के साथ शेयर करना बिल्कुल ना भूले. यह पोस्ट आपको कैसा लगा कमेंट बॉक्स में लिख करके जरूर बताएं और साथ ही साथ कोई सवाल है तो प्लीज आप उसे लिख दीजिए.
आर्टिकल पढने के लिए शुक्रिया.
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